सर्वप्रथम माँ शारदे को नमन,
तत्पश्चात "लेखनी" मंच को नमन,
मंच के सभी श्रेष्ठ सुधि जनों को नमन,
गीत
शीर्षक -- 🌹 सैनिक 🌹
दिनांक -- २५.०३.२०२३
दिन -- शनिवार
दैनिक प्रतियोगिता
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बढ़ा चुके जो कदम, पीछे करते नहीं।
हिन्द के सैनिक हैं, किसी से डरते नहीं।।
बढ़ा चुके .....
दुनिया वालों हमें, तुम नहीं जानते।
हिन्द के मान को, नहीं पहचानते।।
हम किसी पे, पहले वार करते नहीं।
हिन्द के सैनिक हैं, किसी से डरते नहीं।।
बढ़ा चुके........
हम बढ़े शान से, लड़े जो तूफान से।
ना डरे चीन से, ना पाकिस्तान से।।
आगे दुश्मन हमारे, ठहरते नहीं।
हिन्द के सैनिक हैं, किसी से डरते नहीं।।
बढ़ा चुके .........
नापाकों ने कूटनीति, दिखाया हमें।
राष्ट्र बंटवारा करके, रूलाया हमें।।
किए बंटवारा, हम उधार रखते नहीं।
हिन्द के सैनिक हैं, किसी से डरते नहीं।।
बढ़ा चुके .........
कफ़न तिरंगा, हमारे लिए स्वाभिमान हैं।
आत्मसमर्पण तुम्हारा, हिंद की शान हैं।।
शहीद होते हैं हम, कभी मरते नहीं।
हिन्द के सैनिक हैं, किसी से डरते नहीं।।
बढ़ा चुके .........
बढ़ा चुके जो कदम, पीछे करते नहीं।
हिन्द के सैनिक हैं, किसी से डरते नहीं।।
बढ़ा चुके .....
🙏🌷 मधुकर 🌷🙏
(अनिल प्रसाद सिन्हा 'मधुकर', जमशेदपुर, झारखण्ड)
(स्वरचित मौलिक रचना, सर्वाधिकार ©® सुरक्षित)
Shashank मणि Yadava 'सनम'
26-Mar-2023 07:42 AM
बेहतरीन सृजन
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Swati chourasia
26-Mar-2023 07:10 AM
वाह बहुत ही खूबसूरत व बेहतरीन रचना 👌👌👌👌👌👌
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Gunjan Kamal
26-Mar-2023 01:00 AM
शानदार प्रस्तुति 👌🙏🏻
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